भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर तेज़ी से विकसित हो रहा है, और इसका बड़ा श्रेय EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और टर्नकी) प्रोजेक्ट कंपनियों को जाता है। सरकार की बड़ी योजनाएं जैसे नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP), स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स, हाईवे, और रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स, इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। ऐसे में EPC कंपनियों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ये कंपनियां डिज़ाइन से लेकर प्रोजेक्ट को ज़मीन पर उतारने तक सभी ज़रूरी सेवाएं प्रदान करती हैं।

Bondada Engineering
EPC सेक्टर में अगर किसी कंपनी का नाम बार-बार सामने आ रहा है, तो वो है Bondada Engineering Limited। इसका शेयर प्राइस फिलहाल ₹620 पर ट्रेड कर रहा है, जो इसके पिछले बंद भाव ₹622.6 से 0.42% नीचे है (21 जनवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार)। खास बात यह है कि इस शेयर ने ₹591 का लो टच करने के बाद शानदार रिकवरी दिखाई है।
अवसर और चुनौतियां
भारत में शहरीकरण, औद्योगिक विकास और रिन्यूएबल एनर्जी का विस्तार EPC कंपनियों के लिए बड़े अवसर लेकर आया है। रिन्यूएबल एनर्जी, ट्रांसपोर्टेशन और औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से हो रहे निवेश इन कंपनियों के लिए दीर्घकालिक मांग पैदा कर रहे हैं।
जो कंपनियां नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए, कुशल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और रणनीतिक साझेदारी पर ध्यान देंगी, वही इस सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ बनाएंगी। Bondada Engineering इन सभी पहलुओं पर काम कर रही है और एक बेहतरीन उदाहरण पेश कर रही है।
Bondada का नया काम
हाल ही में KPI Green Energy Limited ने Bondada Engineering को एक बड़ा वर्क ऑर्डर दिया है। यह ऑर्डर Balance of System (BOS) की सप्लाई और EPCC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन और कमीशनिंग) सेवाओं के लिए दिया गया है। यह प्रोजेक्ट वगरा, अमोद और राजकोट लोकेशन्स पर किया जाएगा।
इस ऑर्डर की कुल कीमत ₹88.5 करोड़ (GST सहित) है और इसे 90 दिनों के भीतर पूरा किया जाना है। यह डील घरेलू स्तर पर हुई है और इसमें किसी प्रमोटर ग्रुप या रिलेटेड पार्टी का हस्तक्षेप नहीं है।
Bondada Engineering की खासियत
Bondada Engineering रिन्यूएबल एनर्जी, खासकर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स में विशेषज्ञता रखती है। यह कंपनी डिज़ाइन, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन और कमीशनिंग (EPCC) की पूरी प्रक्रिया संभालती है। साथ ही Balance of System (BOS) कंपोनेंट्स और सेवाएं भी प्रदान करती है।
इसकी हाई-क्वालिटी, किफायती और टिकाऊ समाधान देने की क्षमता इसे EPC सेक्टर में अग्रणी बनाती है।
निष्कर्ष
भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर आने वाले समय में अभूतपूर्व विकास करेगा। EPC कंपनियां, खासकर Bondada Engineering, इस विकास में अहम भूमिका निभाएंगी। जो कंपनियां इनोवेशन और एफिशिएंसी पर ध्यान देंगी, उनका भविष्य निश्चित रूप से उज्जवल होगा।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि "Finance Fiber" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।
1 thought on “KPI से ₹88 करोड़ का ऑर्डर मिलने के बाद इस Infra stock में मची लुट-मार”